सन्यास परंपरा का प्राचीनतम तीर्थ स्थल जहां आजादी के पूर्व से ही सन्यास की परंपरा से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर , मठ का संचालन होती आ रहा है यह बड़े गर्व की और सौभाग्य की बात है कि एक ही परिवार से हर पीढ़ी में एक सन्यासी पैदा लेते हैं और उस वंश के इष्ट देव के रूप में प्रतिष्ठित श्री सोमेश्वर नाथ महादेव को पूजते है आज तक यहां एक ही परिवार से 16 महंत रहे है
सन्यास परंपरा का प्राचीनतम तीर्थ स्थल जहां आजादी के पूर्व से ही सन्यास की परंपरा से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर , मठ का संचालन होती आ रहा है यह बड़े गर्व की और सौभाग्य की बात है कि एक ही परिवार से हर पीढ़ी में एक सन्यासी पैदा लेते हैं और उस वंश के इष्ट देव के रूप में प्रतिष्ठित श्री सोमेश्वर नाथ महादेव को पूजते है आज तक यहां एक ही परिवार से 16 महंत रहे है
सन्यास परंपरा का प्राचीनतम तीर्थ स्थल जहां आजादी के पूर्व से ही सन्यास की परंपरा से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर , मठ का संचालन होती आ रहा है यह बड़े गर्व की और सौभाग्य की बात है कि एक ही परिवार से हर पीढ़ी में एक सन्यासी पैदा लेते हैं और उस वंश के इष्ट देव के रूप में प्रतिष्ठित श्री सोमेश्वर नाथ महादेव को पूजते है आज तक यहां एक ही परिवार से 16 महंत रहे है
सन्यास परंपरा का प्राचीनतम तीर्थ स्थल जहां आजादी के पूर्व से ही सन्यास की परंपरा से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर , मठ का संचालन होती आ रहा है यह बड़े गर्व की और सौभाग्य की बात है कि एक ही परिवार से हर पीढ़ी में एक सन्यासी पैदा लेते हैं और उस वंश के इष्ट देव के रूप में प्रतिष्ठित श्री सोमेश्वर नाथ महादेव को पूजते है आज तक यहां एक ही परिवार से 16 महंत रहे है
सन्यास परंपरा का प्राचीनतम तीर्थ स्थल जहां आजादी के पूर्व से ही सन्यास की परंपरा से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर , मठ का संचालन होती आ रहा है यह बड़े गर्व की और सौभाग्य की बात है कि एक ही परिवार से हर पीढ़ी में एक सन्यासी पैदा लेते हैं और उस वंश के इष्ट देव के रूप में प्रतिष्ठित श्री सोमेश्वर नाथ महादेव को पूजते है आज तक यहां एक ही परिवार से 16 महंत रहे है
सन्यास परंपरा का प्राचीनतम तीर्थ स्थल जहां आजादी के पूर्व से ही सन्यास की परंपरा से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर , मठ का संचालन होती आ रहा है यह बड़े गर्व की और सौभाग्य की बात है कि एक ही परिवार से हर पीढ़ी में एक सन्यासी पैदा लेते हैं और उस वंश के इष्ट देव के रूप में प्रतिष्ठित श्री सोमेश्वर नाथ महादेव को पूजते है आज तक यहां एक ही परिवार से 16 महंत रहे है
सन्यास परंपरा का प्राचीनतम तीर्थ स्थल जहां आजादी के पूर्व से ही सन्यास की परंपरा से सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर , मठ का संचालन होती आ रहा है यह बड़े गर्व की और सौभाग्य की बात है कि एक ही परिवार से हर पीढ़ी में एक सन्यासी पैदा लेते हैं और उस वंश के इष्ट देव के रूप में प्रतिष्ठित श्री सोमेश्वर नाथ महादेव को पूजते है आज तक यहां एक ही परिवार से 16 महंत रहे है